नई दिल्ली : भारी बहुमत से जीतकर आई केंद्र सरकार के मुकाबले विपक्ष को एकजुट करने की कोशिशें समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने शुरू कर दी हैं।
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को दिल्ली में अपने सरकारी निवास पर थर्ड फ्रंट के नेताओं के लिए लंच का आयोजन किया। इसमें बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व पीएम और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा, जदयू अध्यक्ष शरद यादव सहित तीसरे मोर्चे के कई नेता मौजूद थे।
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के आयोजन का मकसद गैर-कांग्रेसी, गैर-भाजपा दलों को एकजुट कर मोदी सरकार के खिलाफ एक ‘महामोर्चा’ बनाना है, जो आगामी शीतसत्र में मोदी सरकार पर दबाव बनाने के साथ उन्हें घेरने की रणनीति पर काम करेगा। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कई राज्यों में अपना प्रभाव जमाने और राज्यसभा की सीटें बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों का प्रभाव खत्म करने में जुटी है। इस वजह से भी थर्ड फ्रंट के ये नेता एकजुट हो रहे हैं।
गौरतलब है कि बिहार उपचुनाव में बीजेपी को 4-6 से पछाड़ने के बाद जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने बीजेपी को घेरने के लिए मोर्चा बनाने की बात कही थी। शरद यादव ने हुंकार भरते हुए कहा था कि बिहार ने देश की राजनीति को नया मोड़ देने में ऐतिहासिक भूमिकाएं निभाई है। मोदी को घेरने के लिए राजनीतिक दलों को इकट्ठा करेंगे।
दूसरी ओर नीतीश के साथ लंबे समय तक चली अपनी अदावत के बाद हाथ मिलाने वाले लालू प्रसाद यादव ने यूपी में मायावती और मुलायम सिंह को हाथ मिलाने के कहा था। हालांकि बसपा प्रमुख मायावती ने ऐसी किसी भी संभावना को खारिज कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक़ थर्ड फ्रंट को मजबूत करने के लिए एक बार फिर छोटे दल एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं, जो बीते वक्त में कभी न कभी कांग्रेस या बीजेपी की अल्पमत सरकारों में महत्वपूर्ण रोल अदा कर चुके हैं। इस साल इन सभी दलों को लोकसभा चुनावों में निराशा हाथ लगी है। उनकी सीटें या तो कम हुई हैं या न के बराबर आई हैं। खासतौर पर यूपी में मुलायम की पार्टी सपा की हालत बेहद खराब हो चुकी है। सपा को इस लोकसभा चुनाव में महज 5 सीटों पर जीत मिली। यही हाल जेडीयू का है, जिसे बिहार में महज 2 सीटों से संतोष करना पड़ा।