उत्तरप्रदेश, गोरखपुर : गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कालेज में तीन दिन में 60 लोगों की मौत के बाद आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हॉस्पिटल में वहां के हालात देखने के लिए पहुंचे। वहां उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी थे। मेडिकल कालेज के वार्ड का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां पर मीडिया से कहा कि मुझसे ज्यादा संवेदनाएं किसके पास है। मैने सड़क से संसद तक इंसेफ्लाइटिस की जंग की है। उन्होंने कहा कि चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी मौत बाबत खुद जांच कर रही हैं। जनहानि हुई तो सख्त कार्रवाई होगी।
योगी ने कहा कि यहां एक रिसर्च सेंटर की बहुत जरूरत है। गोरखपुर में रीजनल रिसर्च फार मेडिकल सेंटर की स्थापना होगी। इसके लिए 85 करोड़ रुपये दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की संवदेना मर चुकी है। वह राजनीति कर रही है। हम समस्या का समाधान करना चाहते हैं। इसीलिए बार-बार गोरखपुर आता हूँ। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र व राज्य के कई अधिकारी गोरखपुर में मौजूद हैं।
CM ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी मामले की जानकारी लेने के लिए कुछ स्तरीय चिकित्सकों की टीम यहां भेजी हैं। उन्होंने अपना कार्य भी प्रारम्भ कर दिया है। इंसेफ्लाइटिस के खिलाफ शुरू से हम लड़ते रहे हैं। सरकार बनने के बाद हमने जेई वैक्सीनेशनल ड्राइव चलाकर लाखों बच्चों को इंजेक्शन लगवाए। सीएम बनने के बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज का यह मेरा चौथा विजिट है। मैं हर बार इंसेफ्लाइटिस वार्ड का निरीक्षण करता हूं। प्राइवेट प्रैक्टिस करते सरकारी डाक्टर मिले तो सख्त कार्रवाई होगी।
वहीँ विरोधी पार्टियों पर निशाना साधते हुए CM ने कहा कि जिन लोगों की संवेदना मर चुकी है, वे लोग इस संवेदनशील मसले पर गैर जरूरी बयान देकर नमक छिड़क रहे हैं। कांग्रेस की संवेदना मर चुकी है। गुलाम नबी आजाद ने अलग से सहायता देने से मना किया था। हादसे की जांच के लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है। जिसकी रिपोर्ट दे दिए जाने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे हादसे के दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी कि मिसाल बनेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं तो गोरखपुर में 1996 से मैं इंसेफेलाइटिस की लड़ाई लड़ रहा हूँ ।इंसेफ्लाइटिस के खिलाफ शुरू से लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रदेश के 90 लाख बच्चों को वैक्सीन देकर इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई का आगाज किया है। इस पीड़ा के बारे में मुझसे ज्यादा कोई नहीं जान सकता। मुझसे ज्यादा कोई इस समस्या को नहीं समझ सकता है। बीआरडी अस्पताल में तीस से ज़्यादा बच्चों की मौत के मामले में सरकार के स्तर पर कोई लापरवाही नहीं हुई।
मैं चार बार बीआरडी अस्पताल आ चुका हूं। 9 जुलाई को हमने वेतन न मिलने की समस्या को सुलझाया था। 9 अगस्त को भी मैं यहां आया था, जिसमें 5 प्रमुख सचिवों को यहां बुलाया गया था। सरकार की तरफ से इस मामले में कोई लापरवाही नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि यहां की घटना से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद दुखी हैं। उन्होंने हमको हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने ने ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा तथा राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल को यहां भेजा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण की जांच बहुत आवश्यक है। इस घटना से वह बहुत दुखी हैं।
चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद हम समीक्षा करेंगे। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति प्रकरण की जांच करेगी और किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
साथी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए योगी ने पत्रकारों से ये निवेदन भी किया और कहा कि पत्रकार भाई इस मामले में फेक रिपोर्टिंग नही, वास्तविक रिपोर्टिंग करें। आप सब एक बार वार्ड में जाकर जरूर देखिए, वहां की वास्तविक स्थिति जानिए। आप लोगों को वार्ड में जाकर रिपोर्टिंग करनी चाहिए बाहर से नहीं। उन्होंने कहा कि मैं यह कहना चाहता हूँ कि मीडिया को सही तथ्यों को पता लगाकर ही रिपोर्टिंग करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने मेडिकल कालेज में निरीक्षण के बाद कहा कि पत्रकारों को छूट है कि वह वार्डों में जाकर वस्तु स्थिति देखें। खुद पड़ताल करें।
उन्होंने डीजीएमई और जिलाधिकारी से कहा कि दो-दो -तीन-तीन के ग्रुप में पत्रकारों को ले जाएं। ताकि सही हालात से जनता वाकिफ हो सकें। योगी ने पत्रकारों से कहा आप सभी लोग सरकारी अस्पतालों में जाइए। बाहर से रिपोर्टिंग नहीं, अपितु मौके पर वार्ड में जाइए। मैं आपको इस बात की सुविधा देने जा रहा हूं। पत्रकार को कैमरा के साथ भीतर जाने की इजाजत होगी। हम चाहते हैं हड़बड़ी न हो, पत्रकार भाई बिना धक्का-मुक्की के वास्तविक रिपोर्टिंग करें। आप वार्ड में जाकर देखे तब खबर चलाएं, जनता को भी पता चलना चाहिए कि इलाज हो रहा है या नरसंहार हो रहा है।
मेडिकल कालेज पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंसेफ्लाइटिस वार्ड के एल केबिन में गये। यहां मरीजों का हाल जाना और पूछा कि दवाएं मिल रही है या नही। डॉक्टर आपके साथ कैसा व्यवहार करते हैं। वह बालरोग वार्ड में भर्ती मरीजों के परिजनों से बात कर रहे है। ऑक्सीजन के बारे में भी जानकारी ले रहे हैं। उनका दौरा तब हुआ जब गोरखपुर मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन ठप होने से मासूमो की मौत हो गई।
सीएम योगी आदित्यनाथ के मेडिकल कालेज पहुंचते ही धक्का-मुक्की शुरू हो गई। धक्का-मुक्की में इमरजेंसी वार्ड का शीशा टूट गया। इस बीच योगी 100 नम्बर वार्ड में 32 मिनट रहे और उसके बाद एपिडेमिक वार्ड में गये। उन्होंने मरीजों से ऑक्सीजन के बारे में भी पूछा।
सीएम योगी ने कल अपने निजी ट्विटर अकाउंट से मारे गए बच्चों के परिवारों के लिए संवेदना प्रकट की। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि इस असीम दु:ख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। वहीं अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि बाबा राघवदास मेडिकल कालेज गोरखपुर की कल की हृदय विदारक घटना हम सब को असीम पीड़ा दे गई।