नई दिल्लीः देश में नोटबंदी के कारण लोग अपनी रकम निकालने के लिए एटीएम के सामने लंबी-लंबी लाइनों में खड़े हैं और स्टोर्स पर अपने कार्ड के जरिए कई पेमेंट कर रहे हैं ऐसे में एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में एटीएम पर साइबर हमले बढ़ सकते हैं। अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी फायरआई की ‘सुरक्षा परिदृश्य एशिया की रिपोर्ट’ में कहा गया है कि साल 2017 में एशिया के क्षेत्र (एपीएसी) में एटीएम पर साइबर हमलों में तेजी आएगी।
इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमने पाया है कि एपीएसी में एटीएम पर साइबर हमलों में तेजी होगी, जिसमें भारत भी शामिल है। क्योंकि अविकसित देशों के एटीएम आसान लक्ष्य हैं। इसका कारण यह है कि वहां एटीएम में पुराने सॉफ्टवेयर चल रहे हैं, जो विंडोज एक्सपी पर आधारित हैं। इसके कारण वे बेहद आसान लक्ष्य हैं।
हाल ही में कुछ प्रमुख भारतीय बैंकों ने देश के वित्तीय क्षेत्र के सबसे बड़े सुरक्षा खतरे के कारण लाखों डेबिट कार्ड को ब्लॉक कर दिया था, जिनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई थी।
इनमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और यस बैंक शामिल थे। एसबीआई ने करीब छह लाख डेबिट कार्ड ब्लॉक किए थे।
हालांकि ये संस्थान साइबर टेक्नोलॉजी में काफी निवेश कर रहे हैं, खासकर ऑटोमेशन वाली तकनीक में। लेकिन इसके बावजूद फायरआई ने अनुमान लगाया है कि इससे साइबर सुरक्षा के पुराने खतरों के साथ ही नए खतरे भी सामने आएंगे।
हाल ही में कोबाल्ट नामक हैकरों के एक समूह ने समूचे यूरोप के एटीएम को निशाना बनाया। वे दूर किसी दूसरे देश से एटीएम को निशाना बनाते हैं और भारी धनराशि को अपने खाते में ट्रांसफर कर देते हैं।