नई दिल्ली: मोदी सरकार ने 1000 और 500 के नोट बंद कर के काले धन रखने वालों पर पहला हमला किया था। 1000 और 500 के नोट बंद करने के बाद से काला धन रखने वालों पर सरकार की निगाहें हैं। देखा जाए तो नोटबंदी के फैसले का विरोध जनता से ज्यादा सियासी दलों द्वारा किया जा रहा है। संसद का शीतकालीन सत्र इस हंगामे का गवाह बन रहा है। जहां कांग्रेस, टीएमसी और मायावती खासतौर पर मुखर हो कर काले धन के खिलाफ की गई इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं।
वहीं दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल ने तो केंद्र सरकार को नोटबंदी का फैसला वापस लेने की धामकी तक दे डाली है। बहरहाल इन सारे हंगामों के बीच केंद्र सरकार ने काले धन के खइलाफ एक और बड़ा हमला कर दिया है।
नोटबंदी के साहसिक फैसले के बाद मोदी सरकार की नजरें अब बेनामी संपत्ति रखने वालों पर हैं। बेनामी प्रॉपर्टी वालों के खिलाफ बड़े स्तर पर एक्शन का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है। सरकार ने बेनामी संपत्तियों और महंगे इलाकों में महंगी प्रॉपर्टी रखने वालों की जांच शुरू कर दी है। सरकार ने पहले ही इशारा कर दिया था कि काले धन के बाद वो बेनामी संपत्ति पर लगाम कसने वाली है। इसकी शुरूआत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के फैसले के बाद कहा था कि काले धन के खिलाफ ये आखिरी दांव नहीं है। अभी कई और योजनाएं हैं जिनके बाद काले धन वालों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। अब बेनामी संपत्ति पर नकेल कसने के लिए देश के सभी बड़े और प्रमुख शहरों में हाईवे के पास की जमीनों की जांच शुरू कर दी गई है।
माना जाता है कि हाईवे के पास जमीन की कीमतों के साथ खेल किया जाता है। इसके अलावा देश के सभी बड़े शहरों के पॉश और वीआईपी इलाकों में महंगी संपत्तियों की भी जांच शुरू कर दी गई है। मुख्य रूप से औद्योगिक प्लॉटों, कमर्शियल फ्लैट्स और दुकानों की जांच चल रही है। माना जा रहा है कि इस जांच के बाद बहुत सारी बेनामी संपत्तियों का खुलासा हो सकता है। जांच एजेंसियां काले धन का पता लगाने के लिए ये चेक कर रही हैं कि ये दुकानें, प्लॉट, बंगले किसके नाम पर हैं। जितनी जांच हुई है उसके मुताबिक दिल्ली में लुटियन जोन में भई कुछ बंगलों के असली मालिक कोई और हैं। जांच के दौरान ये पता चला है कि कुछ बंगलों को रिश्वत और भ्रष्टाचार के जरिए खरीदा गया है। एक बंगला तो जांच बंद करने के नाम पर एक सीए के नाम से खरीदा गया है। इस तरह के सभी मामलों की जांच चल रही है।
मोदी सरकार द्वारा बेनामी संपत्तियों की जांच के लिए आयकर विभाग ने कमर कस ली है। इनकम टैक्स विभाग की लगभग 200 टीमें इस जांच में जुटी हुई हैं। सरकार ने सभी सरकारी विभागों से जमीनों का ब्यौरा मांगा है। इन सारी संपत्तियों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। एक बारे सारे आंकड़े सामने आने के बाद सरकार इस पर एक्शन लेगी। दोषी पाए जाने पर बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट 2016 के तहत कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि ये एक्ट मोदी सरकार इसी साल लेकर आई थी। ये एक्ट 1 नवंबर से लागू हो चुका है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर संपत्ति जब्क और सात साल की सजा का प्रावधान है। कुल मिलाकर काले धन के खिलाफ मोदी सरकार अब खुलकर एक्शन ले रही है। पहले नोटबंदी और अब बेनामी संपत्तियों पर सरकार का वार। विपक्ष संसद में हंगामा ही करता रह गया और इधर केंद्र सरकार ने अपनी अगली चाल चल भी दी।