असम में मुश्किल में कांग्रेस, 18 विधायकों का इस्तीफा

assaamअसम में कांग्रेस की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। पार्टी से 18 विधायकों के इस्तीफा देने की खबर है। ये विधायक असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से नाराज बताए जा रहे हैं। नाराज विधायकों ने आज बागी हेमंत विश्वा के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात की। 17 विधायकों ने अपना इस्तीफा हेमंत विश्वा को सौंपा।

हेमंत विश्वा कद्दावर मंत्री माने जाते हैं। वो असम के शिक्षा मंत्री हैं उनकी अगुवाई में कांग्रेस के विधायक लगातार गोगोई को हटाने की मांग कर रहे हैं। दूसरी तरफ, पार्टी विधायकों की बगावत से ज्यादा परेशान नहीं है। सू्त्रों ने बताया कि असम में सरकार को कोई खतरा नहीं है। हेमंत ने सिर्फ राज्यपाल से मुलाकात की लेकिन प्रोटोकॉल के हिसाब से उन्हें अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंपना होगा।  17 विधायकों ने राज्यपाल भवन के एटेंडेंस रजिस्टर पर सिर्फ साइन किया है। इस्तीफे की बात सिर्फ मौखिक तौर पर कही जा रही है, अभी तक कोई कागजी कार्रवाई नहीं की गई है।

 हेमंत बिस्व शर्मा अपना इस्तीफा राजभवन में सौंपने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने मंत्री के रूप में अपना इस्तीफा राज्यपाल (जेबी पटनायक) को दे दिया है, क्योंकि मैंने गोगोई के नेतृत्व का विरोध किया है।’ उन्होंने कहा, ‘करीब 38 विधायक मेरे साथ राजभवन गए, लेकिन यह मेरी निजी यात्रा थी। हम अपनी पार्टी के लिए लड़ रहे हैं और 2016 में गोगोई के नेतृत्व में कांग्रेस इकाई के आंकड़े पर आ जाएगी।’

हेमंत ने कहा, ‘वहां पूरी तरह अव्यवस्था है और गोगोई के तहत कोई तय दिशा तक नहीं है। तरुण गोगोई के अधीन काम जारी रखना राजनीतिक, मानसिक और शारीरिक रूप से संभव नहीं है। यह उचित नहीं है। इसीलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया। मैं मुख्यमंत्री को भी अपना इस्तीफा भेजूंगा।’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी गोगोई सरकार को कोई खतरा नहीं है। ‘हम सरकार को गिराना नहीं चाहते।’ उन्होंने कहा कि राज्यपाल को सूचित कर दिया गया है कि उनके साथ गए सभी 38 विधायक विधानसभा में ‘सकारात्मक विपक्ष’ की भूमिका निभाएंगे। हेमंत ने कहा, ‘हम गोगोई की जन विरोधी नीतियों का विरोध करेंगे। लेकिन जब भी पार्टी व्हिप जारी होगी, हम इसका पालन करेंगे क्योंकि हम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अवहेलना नहीं करना चाहते।’