गौरतलब है कि इस वक्त देश में अधिकतर ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 130 किमी प्रति घंटे की होती है। सिर्फ भोपाल शताब्दी ही एक ऐसी ट्रेन है , जो दिल्ली और आगरा के बीच 150 कि. मी. की रफ्तार से भागती है।
रेलवे का यह कहना है कि इस वक्त भी ऐसे पैसेंजर कोच बनाए जा रहे हैं, जिन्हें 160 कि. मी. की रफ्तार पर भगाया जा सकता है। अगर जरूरी हुआ तो इन डिब्बों के स्ट्रक्चर में बदलाव करके इन्हें अपग्रेड भी किया जा सकता है। अब देखते है कि ये ट्रेन कब तक भारत की पटरियों पर दौड़ती नजर आएगी।