तुर्किये और सीरिया में सोमवार तड़के आए 7.8 तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप से दोनों देशों में भारी तबाही मची है. इस भूकंप से अब तक 5100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 21000 से अधिक लोग घायल हुए हैं. इस भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद के लिए भारत ने दो विमानों के जरिये राहत सामग्री और मेडिकल टीम को भेजा है.
भारत ने तुर्किये में भूकंप प्रभावित इलाकों में मलबे के नीचे दबे लोगों को ढूंढने के लिए विभिन्न उपकरण भी भेजे हैं. भारत की तरफ से भेजा गया तलाश और बचाव कर्मियों का एक समूह, खास तौर से ट्रेंड डॉग स्क्वॉड, ड्रिल मशीनों, राहत सामग्री और दवाइयों के साथ तुर्किये के अदन में उतरा. भारत की तरफ से तत्काल भेजी गई इस मदद पर तुर्किये ने शुक्रिया अदा किया है.
भारत में तुर्किये के राजदूत फिरत सुनेल ने News18 हिन्दी से खास बातचीत में कहा, ‘मुझे बहुत खुशी है कि भारत ने भूकंप के कुछ ही घंटे बाद इस संकट से में मदद के लिए तत्काल कदम उठाया और बचाव दल को तुर्किये भेजने का फैसला किया. अब हम भारतीय टीम को तुर्किये में देख सकते हैं, जो वहां बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं.
तुर्किये के राजदूत ने भारत को दोस्त करार देते हुए कहा, ‘भारत के लिए मेरे पास एक ही शब्द है दोस्त… दोस्त एक दूसरे की मदद करते हैं. और यहां भारत ने तुर्किये की मदद की. अगर आप किसी को दोस्त मानते हैं तो हमेशा ऐसा ही होता है. हम दोस्त हैं, इसलिए हम एक दूसरे की मदद कर रहे हैं.
फिरत सुनेल ने कहा, ‘इस मामले में भारत की मदद बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि भूकंप के बाद का शुरुआती वक्त खोज कार्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है और इस मामले में भारत की प्रतिक्रिया बहुत तेज थी.
उन्होंने तुर्की के मौजूदा हालात की जानकारी देते हुए कहा, ‘पहले 7.7 और फिर 7.6 तीव्रता का भूकंप आया. उसके बाद से अब तक भूकंप के 300 से ज्यादा झटके (Aftershocks) आ चुके हैं.’ उन्होंने कहा कि इस आपदा में 21 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और इलाके के तीन एयरपोर्ट भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस हालात से निपटना आसान नहीं है. राहत और बचाव कार्य में 14 हजार से अधिक अधिकारियों तथा 5 हजार से ज्यादा सैन्यकर्मियों को लगाया गया है.