APHARAN

भांजे ने किया मामा-मामी और उनके बच्चो का अपहरण

 

APHARANकानपुर। ये कहानी है एक अपहरण की, जो किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है, इस अपहरण की कहानी में मामा मामी और उनके बच्चे है, और मुख्य किरदार भांजे का है, वो भांजा जो कभी अपने मामा का सबसे ज्यादा चहेता हुआ करता था, दोनों ने एक साथ कारोबार भी शुरू किया था, ठेकेदारी का। मगर आपको बता दू कि इसी भांजे ने अपने मामा के पुरे परिवार का अपहरण कर पुरे शहर में सनसनी फैला दी।

कानपुर में एक भांजे ने अपने मामा मामी और उनके दो बच्चो का असलहे के बल पर अपहरण कर लिया, अपहरण करने के बाद चारो लोगो को अपहरण कर्ताओं ने उनको लखनऊ ले गए, अपहरण की सूचना से क्षेत्र में हडकंप मच गया, चार लोगो के अपहरण की जानकारी से पुलिस के भी होश फाकता हो गए, लेकिन जब पता चला की मामला पैसो के लेनदेन का है और उनका ही रिश्तेदार जबरन उठा ले गया है तो पुलिस ने राहत की साँस लीए

कल्यानपुर थाना के बारा सिरोही इलाके में सरोज यादव का मैरिज लान है, और वह अपनी पत्नी और बच्चो के साथ मैरिज लान के ऊपर बने मकान में रहते है, सरोज मैरिज लान के साथ साथ ही ठेकेदारी भी करते है, सरोज के ड्राईवर अनिल के मुताबिक़ मंगलवार की रात करीब 11 बजे सरोज के मैरिज लान के बाहर दो गाडिया आकार रुकी और उसमे से आठ लोग असलहो के साथ उतरे और थोड़ी देर बाद ही असलहे धारी सरोज और उनकी पत्नी रेखा उनकी लड़की नेहा और लड़के अर्पित को जबरदस्ती गाडी में बैठाकर फरार हो गए।

अपने बड़े भाई और उनके परिवार की अपहरण की सुचना पर सरोज के भाई अशोक के होश उड़ गए, आनन् फानन में अशोक ने इसकी जानकारी पुलिस को दी, पुलिस ने रात में मौके पर पहुची और देर रात तक जाँच पड़ताल में जुटी रही लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुच सकी, इसी बीच अशोक के मोबाइल पर उसके भांजे का फोन आया, जिसके बाद अशोक के पाँव के निचे की जमीन खिसक गयी।

दरअसल ये फोन उनके भांजे शैलेन्द्र यादव उर्फ़ गुड्डू का था, जिसने बताया कि उसने मामा मामी और बच्चो का अपहरण कर लखनऊ आ गया है, क्योकि हमारा हमारा सरोज के साथ पैसे का लेनदेन है पैसे ना देने पर इनको अपने साथ ले आया हूँ, अशोक के मुताबिक़ उनका भांजा शैलेन्द्र भी ठेकेदारी का काम करता है और कुछ पैसो का लेन देन की बात सामने आई है, इधर कुछ दिनों से सरोज, शैलेन्द्र का फ़ोन नही उठा रहे थे और जब शैलेन्द्र घर आता था तो बच्चो से कहलवा देते थे की वो घर पर नही है।

जब ये सारी बात पुलिस को पता चली तो पहले पुलिस को भी मामला समझ में नहीं आया, मगर अशोक द्वारा पूरी बात समझाने पर पुलिस ने भी माना कि कहानी पूरी फ़िल्मी है, उधर अपहरण की गुत्थी सुलझाते ही अशोक ने कल्यानपुर थाणे में किसी भी तरह का ऍफ़ आई आर करने से मना कर दिया, अब पुलिस समझ नहीं पा रही है कि भांजे को गिरफ्तार करे की नहींए क्योकि उसके खिलाफ किसी भी तरह का कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज हुआ है।