मोदी सरकार के पहले बजट में करीब हर वर्ग का ध्या न रखा गया है। इसमें राजकोषीय घाटे को कम करने और देश की आर्थिक वृद्धि को फिर से पटरी पर लाने के साथ साथ देश की आंतरिक और सीमा सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के प्रयास किए गए हैं। बजट में पूर्वोत्तथर क्षेत्र के विकास पर ध्या न दिया गया है वहीं जम्मूक-कश्मी1र के विस्थाएपितों के कल्यासण के लिए भी प्रावधान किया गया है। नौकरीपेशा के अलावा सेना के लोगों के कल्याकण का भी सरकार ने आम बजट में ख्यािल रखा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आज पेश किए आम बजट में जहां वेतनभोगी वर्ग के लिए आयकर छूट की सीमा बढ़ाई गई है, वहीं निवेश पर छूट की सीमा में भी इजाफा किया गया है। महिलाओं और बच्चों को सुविधाओं पर विशेष जोर, विश्वस्तरीय शहरों का निर्माण, वरिष्ठ नागरिकों का कल्याण तथा नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा की धारा को अविरल बनाने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। वित्तद मंत्री ने सुविधा संपन्नप लोगों को ज्या दा राहत नहीं दी लेकिन मिडिल क्लाशस के लोगों को ध्याान में रखकर बजट तैयार किया है।
अरुण जेटली ने वित्तवर्ष 2014-15 के लिए आम बजट पेश करते हुए आयकर में छूट सीमा 50,000 रुपये बढ़ा दी, जबकि आयकर दरें पूर्ववत बरकरार रखीं। इस घोषणा के साथ अब सामान्य नागरिकों के लिए नई कर छूट सीमा 2,50,000 रुपये हो गई, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा तीन लाख रुपये कर दी गई है। 80 वर्ष तथा इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा।
मोदी सरकार शिक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में भी सुधार करने की दिशा में कदम उठा रही है। बजट में एम्सव, आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थापनों की तादाद बढ़ाने की घोषणा की गई। हालांकि, बजट के दौरान कुछ ऐसी घोषणाएं की गईं जिनसे लगा कि मोदी भी अब मायावती की राह पर चलने की तैयारी में हैं। वित्तर मंत्री जेटली ने सरदार पटेल की प्रतिमा बनाने के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रस्ताीव पेश किया।