इस योजना में 131 देशों ने शामिल होने के लिए अपनी सहमति दे दी है। संयुक्त राष्ट्र महिला समिति की प्रमुख मिशेल बैसलेट ने 17 पन्नों की इस योजना को ऐतिहासिक बताया है। उनके अनुसार यह योजना हिंसा रोकने और उसे समाप्त करने के वैश्विक मापदंड तय करेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ होने वाले अत्याचार मानवाधिकार उल्लंघन के सबसे गंभीर मामले हैं। दुनियाभर में लोग इसके खिलाफ कारवाई चाहते हैं और हम उन्हें निराश नहीं करेंगे।
ब्रदरहुड संगठन ने इस योजना के तहत महिलाओं को स्वतंत्रता दिए जाने को अश्विकार करते हुए जमकर विरोध भी किया था। उसने एक संशोधन प्रस्ताव रखते हुए कहा था कि हर देश की अपनी संप्रभुता होती है और वह इन प्रावधानों को अपने देश के नियमों के अनुसार अपना सकता है। अंतिम ड्राफ्ट पर जब देशों ने अपने – अपने वोट डाले तब समर्थकों को यह डर था कि मिस्र इसका विरोध करेगा जिससे आम सहमति नहीं बन पाएगी लेकिन राजनयिक मेरवात तल्लावी ने मिस्र की ओर से इस योजना को मंजूरी देकर सभागार में बैठे सभी लोगों को अचंभित कर दिया।