नई दिल्ली: मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद और बाबा रामदेव के करीबी वेद प्रताप वैदिक की मुलाकात को लेकर सियासी विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी दलों ने इस मसले पर संसद में आज जमकर हंगामा किया और केंद्र की मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की। विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही बाधित हुई है।
राज्यससभा की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस के सांसदों ने सईद-वैदिक मुलाकात के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने सदन में यह मसला उठाया। इसके बाद सत्य व्रत चतुर्वेदी और आनंद शर्मा भी अपनी सीट पर खड़े हो गए और केंद्र सरकार से इस मसले पर जवाब मांगा। कांग्रेसी नेताओं ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया। आनंद शर्मा ने वैदिक की गिरफ्तारी की मांग भी की। इससे पहले दिग्विजय ने ट्वीट करते हुए पूछा कि वैदिक एनडीए सरकार के दूत के तौर पर सईद से मिले थे या मोदी के निजी दूत के तौर पर?
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बयान दिया कि हाफिज सईद एक आतंकवादी है और वह भारत पर हमले का आरोपी है। केंद्र सरकार का हाफिज-वैदिक मुलाकात से कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि जेटली के जवाब से कांग्रेस के सदस्या संतुष्टस नहीं हुए और फिर से हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार को बिना नोटिस दिए राज्य सभा को बाधित किया है। इससे कांग्रेस की गंभीरता का अंदाजा लगता है।
जावड़ेकर ने कहा, ‘चूंकि अरुण जेटली ने सरकार की तरफ से सदन में बयान दे दिया है, इसलिए कांग्रेस को इस मसले पर शांत हो जाना चाहिए। कांग्रेस आतंकवाद के मसले का राजनीतिकरण कर रही है। जब गिलानी हाफिज सईद से मिले थे तो उस वक्तआ केंद्र की यूपीए सरकार ने क्या् किया था, इसका उन्हें जवाब देना चाहिए।
मुंबई हमले के आरोपी हाफिज सईद से पाकिस्तान जाकर मुलाकात करके वरिष्ठ भारतीय पत्रकार वेद प्रताप वैदिक उस वक्तस घिर गए जब हाफिज सईद के साथ उनकी मुलाकात की तस्वीरें सामने आईं। मामले पर बवाल बढ़ा तो वैदिक ने सफाई पेश करते हुए कहा कि वो बतौर पत्रकार सईद से मिले हैं। वहीं, वैदिक के बचाव में उतरे रामदेव ने कहा है कि वैदिक पत्रकार हैं और इस नाते किसी से भी मिल सकते हैं।