उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण एवं परिवहन मंत्री सुरेंद्र राकेश का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।
सुरेन्द्र राकेश लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे उन्होंने शनिवार सुबह गुडग़ांव, हरियाणा के आरटिमिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कैबिनेट की बैठक समेत अपने अन्य सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए।
सुरेंद्र राकेश (48) का राजनीतिक सफर अविभाजित उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ था। पेशे से शिक्षक रहे श्री राकेश दो बार ब्लाक प्रमुख रहे। उत्तराखंड गठन के बाद वर्ष 2002 में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2007 में उन्होंने हरिद्वार जिले की भगवानपुर विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीत हासिल की। वर्ष 2012 के चुनाव में वे दोबारा बसपा के टिकट पर ही भगवानपुर से चुनाव जीते।
साथ ही, सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को समर्थन दिया, जिसके बाद बसपा के कोटे से सुरेंद्र राकेश को मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए समाज कल्याण व परिवहन जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई। उनके निधन से समूचे राज्य शोक की लहर है।