दिल्ली के वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले का नाबालिग आरोपी राजू (परिवर्तित नाम) मंगलवार को बालिक (18 वर्ष) हो गया। 16 दिसंबर की रात नाबालिग कहे जाने वाले इस हैवान ने वसंत बिहार इलाके में सफेद रंग की चार्टर्ड बस में पांच अपने पांच साथियों के साथ मिलकर 23 वर्षीय फिजियोथेरेपिस्ट युवती के साथ दुष्कर्म किया था। उस दिन उसकी उम्र 17 साल 6 महीने 11 दिन थी।
जुनेवाइल जस्टिस बोर्ड ने स्कूल सर्टिफिकेट के आधार पर 28 जनवरी को राजू को नाबालिक करार दिया था। राजू के मामले में 26 मई को अभियोजन की तरफ से
कुल आठ गवाहों के बयान दर्ज कराए गए।
अब जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने दया याचिका लगाने के लिए बचाव पक्ष को 6 व 20 जून की तारीख तय की है। इन तारीखों में राजू चाहे तो बोर्ड के सामने खुद को दोषी भी मान सकता है। अन्यथा 26 जून को सजा पर दोनों पक्षों का बहस होगी। इसके बाद संभवतः अगली तारीख पर जून के अंत तक बोर्ड अपना फैसला सुना देगा। उस फैसले पर पूरे देश की नजर होगी। क्योंकि इसके बाद साकेत की फास्ट ट्रेक कोर्ट में चल रहे पांच अन्य आरोपियों को भी सजा सुनाई जाएगी। दिल्ली गेट स्थित जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट गीतांजली गोयल के यहां राजू की सुनवाई चल रही है।
उन्होंने ही राजू के स्कूल सर्टिफिकेट में दर्ज जन्मतिथि (4 जून 1995) को सही मानते हुए रूल-2 जेजे एक्ट के तहत नाबालिग करार दिया गया था। जिसके बाद जेजे एक्ट के सेक्शन 15 के तहत इस पर ट्रायल चला। मंगलवार को राजू के बालिग हो जाने पर नियमानुसार अबवह जमानत की अपील कर सकता है। क्योंकि नाबालिग के मामले में छह महीने के अंदर ट्रायल खत्म करने का भी प्रावधान है।
राजू के बालिग हो जाने पर भी इसे ट्रायल पूरा होने तक उसी बाल सुधार गृह में रखा जाएगा, जहां वह रह रहा हैं। राजू को दिल्ली राज्य विधित सेवाएं प्राधिकरण द्वारा मुहैया कराए गए अधिवक्ता के मुताबिक अगर राजू को बोर्ड दोषी करार देता है और तीन साल की सजा सुनाता है तब तक उसे तिहाड़ में न रखकर 21 साल की उम्र तक स्पेशल होम में रखा जाएगा।