फर्जी वोटरों की समस्या से जूझ रहे चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को आधार नम्बर से जोड़ने का फैसला किया है।
मतदाता सूची को आधार नंबर से जोड़ने से फर्जी वोटरों की पहचान कर मतदाता सूची से उनका नाम बाहर करने में आसानी होगी। मतदाता सूचियों को आधार नंबर से जोड़ने का उसका यह अभियान एक मार्च से शुरू होगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त एचएस ब्रह्माा शनिवार को हैदराबाद में आयोजित मतदाता सूची को आधार नंबर से जोड़ने को लेकर आयोजित वर्कशाप में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। ब्रह्माा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी। उनके अनुसार, ‘आयोग का मतदाता सूची शुद्धिकरण एवं प्रमाणीकरण अभियान देश के सभी 676 जिलों में एक मार्च से शुरू होकर इस वर्ष 31 अगस्त तक संपन्न हो जाएगा।
ऑनलाइन वोटिंग की व्यवस्था करने संबंधी सवाल का जवाब देते हुए ब्रह्माा ने कहा, ‘इसके लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता है। वैसे भी ऑनलाइन वोटिंग को लेकर लोगों के बीच भारी मतभेद है। आम राय कायम होना मुश्किल है।’ अनिवार्य मतदान के सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अभी इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त लोगों ने अपना आधार नंबर नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल (एनवीएसपी) पर अपलोड करने का आग्रह किया है। यह पोर्टल 25 जनवरी को लांच किया गया था। बकौल ब्रह्माा, आधार नंबर को मतदाता सूची से जोड़ने के पीछे असल मकसद सौ फीसद सही मतदाता सूची बनाना है।