कोलकाता: कोलकाता में एक अस्पताल में डॉक्टरों से मारपीट की घटना के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के समर्थन में विभिन्न राज्यों में डॉक्टरों ने शनिवार को भी प्रदर्शन किया। डॉक्टरों की हड़ताल शनिवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गई।
कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टरों से मरीज के परिजनों द्वारा मारपीट की घटना के बाद प्रदर्शन शुरू हुआ था। इस घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल में अब तक 700 से ज्यादा डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल राजनीतिक हिंसा का दौर भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस के कार्याकर्ता खैरुद्दीन शेख और सोहेल राणा के घर में बीती रात बम फेंक दिया गया। हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई।
700 डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में हुई घटना के बाद से अब तक राज्य के करीब 700 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया है। इसमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 107, SSKM के 175, नेशनल मेडिकल कॉलेज के 100, चितरंजन मेडिकल कॉलेज के 16, सागर दत्ता अस्पताल के 18 और स्कूल ऑफ ट्रापिकल मेडिसिन के 33 डॉक्टर शामिल हैं।
डॉक्टरों ने ममता बनर्जी का आमंत्रण ठुकरा
हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सचिवालय में शनिवार शाम में बैठक का ममता बनर्जी का आमंत्रण ठुकरा दिया और कहा कि मुख्यमंत्री को पहले माफी मांगनी होगी। इसके साथ ही उन्होंने अपनी हड़ताल वापस लेने के लिए राज्य सरकार के समक्ष छह शर्तें रखी हैं। जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त फोरम के प्रवक्ता अरिन्दम दत्ता ने कहा कि हम बैठक के लिए मुख्यमंत्री के आमंत्रण पर राज्य सचिवालय नहीं जाएंगे। उन्हें (मुख्यमंत्री) नील रत्न सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आना होगा और एसएसकेएम अस्पताल में बृहस्पतिवार को अपने दौरे के दौरान की गई टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफी मांगनी होगी। दत्ता ने कहा कि यदि वह एसएसकेएम जा सकती हैं तो वह एनआरएस भी आ सकती हैं…अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा।’’
IMA भी सोमवार को करेगा हड़ताल : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत डॉक्टरों के प्रति एकजुटता जताते हुए शुक्रवार से तीन दिन के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ सोमवार 17 जून को हड़ताल का आह्वान किया है। बताया जाता है कि एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा है कि हम पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताली डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम जारी कर रहे हैं। अगर इस दौरान उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।