नई दिल्ली : आपके दिमाग में भी ये सवाल आता है कि पुराने नोटों का सरकार क्या करेगी? तो हम आपको बताते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मार्च 2016 तक देश में 1,570.70 करोड़ 500 रुपये के नोट प्रचलन में थे। जबकि 1,000 रुपये के 632.60 करोड़ नोट लेनदेन में इस्तेमाल किए जा रहे थे। वहीं, दुनिया के अलग-अलग मुल्कों में पुराने नोटों को अलग-अलग ढंग से नष्ट किया जाता है।
बैंकों से इन पुराने नोटों को आरबीआई भेजा जाएगा जहां इनकी श्रेडिंग की जाएगी। श्रेडिंग के लिए मशीन होती है जिसमें इन नोटों को डालकर इनके छोटे छोटे टुकड़े किये जाएंगे। इसके बाद इन नोटों को जलाकर कोयले की ईंटें बनायीं जाएंगी। इसेक बाद इन्हें कान्ट्रैक्टर्स को दे दिया जाएगा और फिर इनका इस्तेमाल सड़कों और गड्ढों को भरने में किया जाएगा।
दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों का प्रचलन से बाहर हुए नोटों के निपटान का अपना अलग तरीका है। 1990 तक बैंक ऑफ इंग्लैंड अपने पुराने नोटों को जलाकर इमारतों को गर्म रखने के उपयोग में लाती थी। वर्ष 2000 के बाद से बैंक ऑफ इंग्लैंड ने प्रचलन से बाहर हुए नोटों की खाद तैयार करना शुरू कर दिया है। इसे खेतों में डाला जाता है, जिससे मिट्टी की उर्वरकता बढ़ती है।