भूकंप के बारे में पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता, और भारी तबाही मचाने वाली इस प्राकृतिक आपदा को रोकने के लिए कुछ नहीं किया जा सकता। लेकिन नुकसान को कम करने और जान बचाने के लिए कुछ तरकीबें हैं, जिनसे मदद मिल सकती है। सो आइए, जानते हैं, भूकंप आने पर क्या करना चाहिए।
भूकंप के खतरे से कैसे बच सकते हैं? ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप से बहुत ज्यादा नुकसान होता है, लेकिन तेज भूकंप में भी इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। भूकंप के नुकसान से बचने के लिए घरों को भूकंप रोधी बनाएं। जिस स्थान पर घर बना रहे हैं उसकी जांच करा लें कि वहां जमीन की संरचना भूकंप के लिहाज से मजबूत है या नहीं। यदि घर पुराने हैं तो रेट्रोफिटिंग के जरिये उसे भूकंपरोधी बना सकते हैं। यह तकनीक उपलब्ध है। इसमें दीवारों को पास में जोड़ा जाता है।
यदि अचानक भूकंप आ जाए तो क्या करें? घर से बाहर खुले में निकलें। घर में फंस गए हों तो बेड या मजबूत टेबल के अंदर छिप जाएं। घर के कोनों में खड़े हो सकते हैं और कोई उपाय नहीं हो तो छत में भी जा सकते हैं। लिफ्ट की जगह सीढि़यों का इस्तेमाल करें।
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो…
• फर्श पर बैठ जाएं।
• मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे पनाह लें।
• टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें।
• घर के किसी कोने में चले जाएं।
• कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।
• बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें।
• आसपास भारी फर्नीचर हो तो उससे दूर रहें।
• लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें।
• पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है लिफ्ट।
• बिजली जाने से भी रुक सकती है लिफ्ट।
• कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें।
• आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं।
• झटके आने तक घर के अंदर ही रहें।
• झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।
भूकंप आने के वक्त यदि आप घर से बाहर हैं तो…
• ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें।
• जब तक झटके खत्म न हों, बाहर ही रहें।
• चलती गाड़ी में होने पर जल्द गाड़ी रोक लें।
• गाड़ी में ही बैठे रहें।
• ऐसे पुल या सड़क पर जाने से बचें, जिन्हें भूकंप से नुकसान पहुंचा हो।
अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं…
• माचिस हरगिज़ न जलाएं।
• हिलें नहीं, और धूल न उड़ाएं।
• किसी रूमाल या कपड़े से चेहरा ज़रूर ढक लें।
• किसी पाइप या दीवार को ठकठकाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके।
• यदि कोई सीटी उपलब्ध हो तो बजाते रहें।
• यदि कोई और जरिया न हो, तो चिल्लाते रहें, हालांकि चिल्लाने से धूल मुंह के भीतर जाने का खतरा रहता है, सो, सावधान रहें।