दिल्ली देश की राजधानी होने के बावजूद अपराधों के गढ़ में शामिल हैं। आये दिन यहाँ अपराध अपना पैर पसारता जा रहा है । गैंगवार, मर्डर, गैंगरेप और तमाम तरह के आपराधिक मामले देखने सुनने को मिलते हैं
दिल्ली के द्वारिका इलाके में हुआ गैंगवार इस बात की पुष्टि करता है कि दिल्ली में दिन दहाड़े अपराध कितना आसान हो गया हैं ।
द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन के पास गैंगवॉर में दोनों पंक्षो से एक-दूसरे पर एक दर्जनों गोलियों की बौछार हुई। पुलिस भी घटना स्थल पर पहुंच गई और बदमाशों के मुठभेड़ को रोकने के लिए उन पर फायरिंग की। रविवार को हुए इस खूनी वरदात में दो गैंगस्टरों की मौत हो गई। एक बदमाश पुलिस की गोली द्वारा मार गिराया गया, जबकि दूसरे की मौत आपसी मुठभेड़ में हुई।
द्वारिका कॉफी भिड़ भाड़ वाला इलाका हैं जहाँ हमेशा लोगों की मौजूदगी होती हैं, घटना स्थल पर मौजूद लोगों का कहना हैं कि गोलियों की आवाज सुनकर द्वारका मोड़ के आसपास पूरी तरह अफरातफरी का माहौल बन गया। लोग इधर-उधर भागकर आसपास की दुकानों में छिप गए थे। आसपास पटरी बाजार है, जिसकी वजह से लोगों की काफी भीड़ थी।
लेकिन इस तरह का बारदात दिल्ली में पहली बार नहीं हुआ हैं। द्वारिका जिले में ही 6 महीनें में ये तीसरा गैंगवार है, बाकी आपराधिक मामले को छोड़ दे तो। दिल्ली कितनी असुरक्षित होगी इन सभी आपराधिक मामलों को देख के पता चल जाता है, बढ़ते अपराध के लिए सबसे बड़ा कारण हैं पुलिस व्यवस्था की गैरजिम्मेदाराना होना हैं ।
संदिग्ध लोगों जांच नहीं होती हैं पुलिस द्वारा उनको डील दी जाती है। कई बार ऐसे मामले किशोर नवयुवकों पर नकारात्मक प्रभाव डाल जाते हैं और वो भी गैंगेस्टर बनने का ख्वाब देखने लगते हैं । दिल्ली पुलिस दिल्ली को सुरक्षित माहौल देने से क्यों चूक जाती है? कब जगेंगी दिल्ली पुलिस? कब सुरक्षित होगी दिल्ली ? आखिर कब ?
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