अब तो BJP ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि जब देश के एक राज्य में आपदा से जब इतनी बड़ी मुसीबत आई हैं, तब कांग्रेस की ओर से
प्रधानमंत्री के संभावित दावेदार कहे जाने वाले राहुल गांधी इस समय कहां हैं? इसके साथ ही BJP ने त्रासदी में इतने लोगों की मौत के लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को भी जिम्मेदार ठहराया है।
अब यहाँ सवाल यह भी उठता है कि जो लोग नरेंद्र मोदी को लेकर हमेशा सवाल खड़े करते रहते हैं, उन्हें इस समय सोचना चाहिए कि राहुल गांधी कहां हैं? जब उत्तराखंड में आपदा से इतनी बड़ी मुसीबत आई हुई हैं, तो वह देश में क्यों नहीं हैं? यदि राहुल गांधी की विदेश में इतनी जरूरत पड़ती हैं, तो उन्हें वहीं रहना चाहिए वह देश में मुंह दिखाई के लिए क्यों आते है? वह ऐसे भी यहाँ सिर्फ भाषण देने के लिए ही आते हैं, करते कुछ नहीं है।
हालांकि राहुल कि माँ सोनिया गांधी को देर-सवेर जब उत्तराखंड पर आई आपदा का ध्यान आया तो PM मनमोहन सिंह को अपने साथ लेकर हेलिकॉप्टर में उत्तराखंड पहुँच गई, और ऊपर से ही धरती पर बिछी लाशों का मंजर देखर दोनों ने अपना.अपना फर्ज पूरा किया और अश्वाश्नो का पिटारा बांधते हुए वापस लौट आये।
राहुल गांधी ने ऐसा पहली बार नहीं किया हैं, इससे पहले राहुल गांधी पर जनलोकपाल आंदोलन और दिल्ली में पिछले साल हुए निर्भया रेप कांड जिसने पुरे देश में खलबली मचा दी थी। उस समय भी चले आंदोलन के दौरान राहुल गांधी पर विदेश में रहने का आरोप लगा था। उनके विरोधियों का कहना है कि जब भी देश पर कोई बड़ी मुसीबत आती है या किसी बड़े मुद्दे पर बहस चल रही होती हैं, तब राहुल अपनी एक नई दुनिया में रहते है या तो वो इन सब से निरपेक्ष बने रहते हैं या विदेश यात्रा पर होते हैं, अब बात यह सोचने कि है कि ये विदेश यात्रा देश पर मुसीबत के समय ही क्यों करते है राहुल? यह बताता है कि देश उनके लिए कितनी अहमियत रखता है।