जानिए , कैश के मामले में कौन सा सांसद है सबसे अमीर और कौन है सबसे गरीब ?

नई दिल्ली : देश में नोटबंदी के बाद पूरा देश ही लाइन में खड़ा है। साथ ही, सरकार की नजर आम आदमी और घरेलू महिलाओं के पास जमा नकदी और आभूषणों पर गड़ी हुई है, लेकिन देश के नेता इस लाइन में कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं। सार्वजनिक तौर पर 31 मार्च, 2016 तक के उपलब्ध आंकड़े इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि देश के नेताओं के पास भारी मात्रा में नकदी मौजूद है। इसमें उनके बैंक खातों में जमा राशि और अन्य चल-अचल संपत्ति शामिल नहीं है। केंद्रीय मंत्रियों मे वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास सबसे अधिक 65 लाख रुपये की नकदी मौजूद है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास सबसे कम मात्र 89 हजार रुपये ही नकदी के रूप में मौजूद हैं।

आम तौर पर आचार संहिता का पालन करते हुए मंत्रियों को हर साल प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी संपत्ति का ब्योरा जमा कराना पड़ता है। अंग्रेजी के अखबार द हिंदू और कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव ने संयुक्त रूप से देश के 76 केंद्रीय मंत्रियों से संबंधित आंकड़े जुटाये, जिसमें केवल 40 मंत्रियों ने ही प्रधानमंत्री कार्यालय में अपनी संपत्ति की घोषणा की है।

अंग्रेजी के अखबार द हिंदू और कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव को उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वित्त मंत्री अरुण जेटली नकदी रखने के मामले में सबसे ऊपर पहले पायदान पर हैं। जेटली के पास सर्वाधिक 65 लाख रुपये से अधिक की नकदी मौजूद है। इसके बाद दूसरे नंबर पर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद यशो नाइक के पास 22 लाख रुपये और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर के पास 10 लाख रुपये की नकदी मौजूद है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास सिर्फ 89,700 रुपये ही नकदी के रूप में मौजूद है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय मंत्रियों में से 23 मंत्रियों ने अपने पास मात्र 2 लाख रुपये नकद होने की घोषणा की है, जबकि 15 मंत्रियों के पास 2.5 लाख रुपये ही नकदी के रूप में है। मजे की बात यह भी है कि अतिविशिष्ट मंत्रियों में शामिल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने अभी तक प्रधानमंत्री कार्यालय में अपनी संपत्ति का ब्योरा ही नहीं दिया है।