कुछ महीने ठीक ठाक रहने के बाद उस युवती ने अपने दूसरे पति से भी झगड़ा शुरू कर दिया। बाद में वह पुलिस में समझौता करके अपने माता पिता के घर रहने चली गई। वहां जाकर उसने अपने दूसरे पति पर भी दहेज का मुकदमा दायर कर दिया। यह मामला जब जमानत के लिए ड्यूटी एमएम एमपी सिंह की कोर्ट में पहुंचा तो अभियुक्त मनीष कपूर के वकील पीयूष जैन ने दलील दी की उस युवती ने पहले पति के खिलाफ भी इन्हीं धाराओं में मामला दर्ज कराया था। अब उन्हीं धाराओं में दूसरे पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। उसका पति उसकी बुआ का लड़का भी है। शिकायतकर्ता लड़की बुआ अब जो की उसकी सास है, उसे कैंसर की बीमारी है। ऐसे में दहेज के लिए परेशान करने का सवाल ही नहीं उठता। अदालत में शिकायतकर्ता की वकील ने जमानत अर्जी का जमकर विरोध किया, लेकिन अदालत ने अभियुक्त पक्ष की दलीलों का मानते हुए अंतरिम जमानत मंजूर कर ली।