नई दिल्ली : हमारे देश में जहाँ इसे पुरुष प्रधान देश कहा जाता है आज वहीँ देश की कर्मठ महिलायें भी पुरुषों के कंधे से कन्धा मिलाकर चलने वाली बात को सच साबित कर रही हैं। यहाँ बात बिज़नस की हो या परिवार संभालने की महिलाओं ने साबित कर दिया है कि वह बिना किसी सहारे के हर चुनौती का सामना कर सकती हैं। फिर जब बात देश की सुरक्षा की हो तो महिलाएं कैसे पीछे रह सकती हैं। ऐसी ही एक अनोखी दास्तां लिखने वाली हैं उत्तर पूर्वी राज्यों की ये 41 महिला कमांडो।
ये महिला कमांडो देश की सुरक्षा में भी पुरुषों से कंधे से कंधा मिला रही हैं। देश में ऐसा पहली बार होगा जब 15 अगस्त को दिल्ली की सुरक्षा में ये 41 महिला कमांडो तैनात होंगी। बता दें कि पहली बार दिल्ली पुलिस का हिस्सा बन स्पेशल कमांडो ट्रेनिंग ले रहा है। खास बात ये है कि इन्हीं कमांडो में से बेस्ट कमांडों को दिल्ली पुलिस ने अपनी पोस्टर गर्ल भी चुना है।
पोस्टर गर्ल चुनी गई नागालैंड की रहने वाली सी थेले ने कभी सोचा भी नहीं था कि वो दिल्ली पुलिस का हिस्सा बनेंगी, अपने घर से हज़ारों मील दूर थेले न सिर्फ दिल्ली पुलिस में भर्ती हुई बल्कि उन्होंने अपनी सामान्य ट्रेनिंग के बाद खुद को विशेष कमांडों ट्रेनिंग के लिए तैयार किया। ट्रेनिंग के दौरान करतब करना उनके बाएं हाथ का खेल है, कभी वो अच्छी तीरंदाज थीं तो आज अच्छी शूटर बन गई हैं। पुलिस ने इन्हें पोस्टर गर्ल भी चुना है।
पोस्टर गर्ल थेले के साथ उत्तर पूर्वी राज्यों की 40 और लड़कियां विशेष कमांडो की कड़ी ट्रेनिंग ले रही हैं। इन महिला कमांडों को के लिए सारी परेशानियों को चुटकियों में हल करना कोई बड़ी बात नहीं है। इन्हें बड़े बड़े काम करने में महारथ हासिल है। किसी बड़े गैंगस्टर से निपटना हो या किसी आतंकी से, इन कमांडोज़ को ऐसे तैयार किया गया है कि वो उन्हें सेकेंडों में धूल चटा दें। दिल्ली में महिला फिदायीन के हमले के खतरे को देखते हुए भी इनकी तैयारी अहम है।