नई दिल्ली: जब करुणा 14 साल की थीं, तब उन्हें कार्डियक अटैक हुआ था। क्लिनिकली उन्हें मृत मान लिया गया था, लेकिन वे फिर जी उठीं। इसके बाद अपना अध्ययन पूरा करने के बाद वे एनआईआईटी में बतौर फैकल्टी पढ़ाने लगीं, साथ ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर का काम करने लगीं। 1991 में गोपाल कृष्ण से शादी हो गई। जानिए क्यों पीएम मोदी बुलाया था अमेरिका से इंडिया।
शादी के साल बाद उन्हें एक बेटा हुआ जिसका नाम विक्रम है। विक्रम के दो साल का होते ही करुणा समझ गई थी कि उनके बेटे के साथ कुछ समस्या है।जब पता चला कि बेटे को ऑटिज्म की तकलीफ है तो करुणा का पूरा जीवन ही बदल गया। गोपाल और करुणा अच्छे परिवारों से हैं, अधिकतर लोग हार्वर्ड और ऑक्सफोर्ड में पढ़े हैं।
उन्होंने कुछ समय काम बंद कर दिया। लेकिन काम तो करना था, तो रात में जब बेटा सो जाता, तब काम करती। तब एक करीबी से पता चला कि इस तरह के बच्चे बहुत अच्छे आर्टिस्ट होते हैं। तब विक्रम की रुचि जानकर उसे पेंटिंग की ओर आगे बढ़ाया, आज विक्रम बहुत अच्छा पेंटर है।
जहां तक बात करुणा की है तो उन्होंने घर से ही काम शुरू किया। 1990 के दशक में उनके साथ वर्चुअल टीम थी। यहीं से करुणा के जीवन में बदलाव आया। वे एडवाइजर के रूप में काम करने लगीं।
चूंकि अमेरिका से फैलोशिप ली थी, तो उन्हें अमेरिका, सिंगापुर और वियतनाम आदि देशों से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट डिजाइन के प्रस्ताव आए और वे काम करने लगीं।
तभी वे वेंकैया नायडू के संपर्क में आईं और विदेशों का काम देखकर देश में स्मार्ट सिटी के लिए काम करने का प्रस्ताव मिला। उन्होंने ही देश का स्मार्ट सिटी मिशन डिजाइन किया है। PM मोदी ने करुणा गोपाल को इस मिशन लॉन्च पर आमंत्रित किया था। वे मसूरी में आईएएस अकादमी में भी पढ़ाती हैं।