जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SoG) ने आतंकवाद के खिलाफ नई ताकत को अपनाया है. जम्मू कश्मीर का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप जो पिछले लंबे समय से आतंक विरोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाता रहा है, अब उसकी ताकत को कई गुना और बढ़ाते हुए पुलिस ने महिला जवानों को भी शामिल किया है. यह नया कदम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.
महिला SOG जवानों की जरूरत क्यों?
जान लें कि इन महिला जवानों का पहला ग्रुप जम्मू में तैनात किया गया है. इस ग्रुप में 8 महिला एसओजी जवान शामिल की गई हैं, जिन्हें विशेष बुलेटप्रूफ व्हीकल के साथ डिप्लॉय किया गया है. पिछले कुछ समय से सुरक्षा एजेंसियों को ऑपरेशन के दौरान महिला जवानों को जरूरत महसूस होती थी, इसके अलावा देखा गया है कि महिला अपराधी और OGWs का इस्तेमाल भी आतंकी संगठनों द्वारा किया जा रहा है. ऐसे में ये महिला जवान आतंक के नापाक मंसूबों पर पानी फेरते हुए आतंक का काल साबित होंगी.
महिला जवानों को स्पेशल इंटेंस ट्रेनिंग
गौरतलब है कि इन महिला SOG जवानों को तीन-तीन महीने की स्पेशल इंटेंस ट्रेनिंग दी गई है. जिसमें आतंक विरोधी ऑपरेशन, जंगल वारफेयर के साथ साथ लॉ एंड ऑर्डर को मेनटेन करने की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है. साथ ही इन्हें अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया है.
महिला सशक्तिकरण का अहम उदाहरण
इन महिला जवानों की डिप्लॉयमेंट के साथ-साथ, उन्हें नाका ड्यूटी और ऑपरेशनल ड्यूटी भी सौंपी गई है. इस स्टेप से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने महिलाओं के सशक्तिकरण की तरफ एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लोकसभा चुनावों में आतंकी खतरे और आपराधिक वारदातों को देखते हुए ये महिला एसओजी जवान जम्मू शहर के अलग-अलग इलाकों में सरप्राइज नाके भी लगा रही हैं, ताकि देश विरोधी गतिविधियों में शामिल अपराधियों के मंसूबों पर पानी फेरा जाए.
आने वाले कुछ दिनों में, और भी महिला जवानों को एसओजी में शामिल किया जाएगा, जिन्हें अलग-अलग हिस्सों में डिप्लॉय किया जाएगा. उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि वे अपने कार्य में पूरी तरह से सक्षम हो सकें.