वर्ल्ड कप के अपने पहले मैच में टीम इंडिया ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर अपने अभियान का शानदार आगाज किया है। पहले विराट कोहली की शानदार बैटिंग और फिर बोलरों के शानदार प्रदर्शन की मदद से भारत ने रविवार को खेले गए पूल बी के मैच में पाकिस्तान को 76 रनों से हरा दिया। इस जीत के साथ भारत ने वर्ल्ड कप में पाक के खिलाफ अजेय रहने का रेकॉर्ड बरकरार रखा है।
टीम इंडिया के खिलाफ वर्ल्ड कप में हारने का रिकॉर्ड बदलने का पाकिस्तानी टीम का सपना आखिरकार सपना ही रह गया, और 301 के लक्ष्य का पीछा कर रही टीम 47 ओवर में सिर्फ 224 रन बनाकर ढेर हो गई। चिर-प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ पाकिस्तानी कप्तान मिसबाह-उल-हक का जुझारू अर्द्धशतक भी किसी काम नहीं आया, और ‘मैन ऑफ द मैच’ घोषित किए गए भारतीय उपकप्तान विराट कोहली का शतक उन पर भारी पड़ा। वर्ल्ड कप में पाकिस्तान पर यह भारत की छठी जीत है।
पाकिस्तान की ओर से कप्तान मिस्बाह ने सबसे अधिक 76 रन बनाए। भारत के लिए उमेश यादव ने 2, शमी ने 3 विकेट लिए। पहले ही मैच में पाकिस्तान को हराकर भारत ने फैंस को वर्ल्ड कप जीतने जैसी खुशी दे दी। 103 रन पर 5 विकेट गिरने के बाद भी मिस्बाह ने एकतरफा संघर्ष जारी रखा, लेकिन यह नाकाफी साबित हुआ। मिस्बाह ने 80 गेंदों पर 9 चौकों और 1 छक्के की मदद से 76 रन बनाए और 220 रन के स्कोर पर पाकिस्तान के नौवें विकेट के रूप में पविलियन लौटे। मिस्बाह के अलावा पाकिस्तान के लिए शहजाद ने 47, सोहेल ने 36 रन बनाए। शाहिद अफरीदी 22 रन ही बना पाए। बाकी के 7 खिलाड़ी दहाई के आंकड़े तक को नहीं छू पाए।
भारतीय बोलिंग की बात करें तो मोहम्मद शमी ने सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए। उन्होंने और मोहित शर्मा ने धारदार गेंदबाजी करके पाकिस्तान के बैट्समैन को प्रेशर में रखा। दोनों खिलाड़ियों ने 9 ओवर्स में 35-35 रन दिए। मोहित शर्मा ने 2 विकेट हासिल किए। उमेश यादव ने 10 ओवर्स में 50 रन देकर 2 विकेट झटके। आर.अश्विन और रविंद्र जडेजा ने भी एक-एक विकेट हासिल किया। सुरेश रैना ने भी एक ओवर फेंका, जिसमें उन्होंने 6 रन दिए। सधी हुई गेंदबाजी और लगातार मिल रहे झटकों से पाकिस्तान की पूरी टीम 224 रनों पर ही पविलियन लौट गई।
इससे पहले खराब दौर से उबरने के बाद वर्ल्ड कप में अपना पहला शतक लगाने वाले विराट कोहली (107) और शिखर धवन (73) तथा सुरेश रैना (74) की उम्दा अर्धशतकीय पारियों की मदद से भारत ने पाकिस्तान के सामने 301 रनों का लक्ष्य रखा था। भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट पर 300 रन बनाए। भारत और भी अच्छा स्कोर खड़ा कर सकता था लेकिन कोहली के आउट होने के बाद बल्लेबाज उस समझदारी का परिचय नहीं दे सके, जिसके जरिए वे तेजी से रन बटोर सकते थे। कोहली का विकेट 273 रन पर गिरा था और उसके बाद से भारत ने पांच ओवरों में मात्र 27 रन जोड़े और पांच अहम विकेट गंवा दिए।
विकेट हाथ में होना भारत के लिए अच्छा संकेत था क्योंकि ऐसी स्थिति में बल्लेबाज खुलकर रन बटोर सकते थे लेकिन भारत के लिए ऐसा नहीं हो सका। पाकिस्तान ने पारी के मध्य में जो कुछ खोया था, उसे उसने अंतिम पहर में हासिल कर लिया और भारत को 300 रनों पर सीमित कर दिया, जबकि भारत कम से कम 325 का योग हासिल कर सकता था। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। उसका यह फैसला सही साबित होता दिखा
विराट कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ 126 गेंदों पर 107 रनों की पारी खेलकर अपने वनडे करियर का 22वां शतक पूरा किया। अपने इस शतक के साथ वो पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप इतिहास में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ सर्वाधिक स्कोर सचिन तेंदुलकर के नाम था जिन्होंने 2003 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ 98 रनों की पारी खेली थी। यही नहीं, कोहली ने अपने इस 22वें शतक के दम पर पूर्व महान भारतीय कप्तान सौरव गांगुली की भी बराबरी कर ली। गांगुली ने अपने पूरे वनडे करियर में 22 शतक जड़े थे जबकि विराट ने 151 वनडे मैचों में ये कामयाबी हासिल कर ली और अब वनडे क्रिकेट में वो भारत की तरफ से सबसे ज्यादा शतक जड़ने के मामले में गांगुली के साथ दूसरे नंबर पर काबिज हो गए हैं। ये रिकॉर्ड अब भी सचिन तेंदुलकर (49) के नाम है।
युवा भारतीय टीम को देखकर कुछ आलोचकों और फैंस का मानना था कि शायद ये भारतीय टीम इस बार विश्व कप खिताब नहीं जीत सकेगी लेकिन ऐसा ही कुछ 2011 में आलोचकों का मानना था और नतीजा उसका उलट आया था। इत्तेफाक की बात ये है कि पिछले विश्व कप के पहले मैच में भी विराट कोहली ने शतक जड़कर टूर्नामेंट का आगाज किया था। उस मैच में विराट ने बांग्लादेश के खिलाफ नाबाद 100 रन बनाए थे जबकि इस विश्व कप में भी उपमहाद्वीप की टीम के ही खिलाफ उनका शतक आया है। दोनों ही बार कोहली के चौकों की संख्या भी 8 ही थी। फैंस यही उम्मीद कर रहे होंगे कि विराट का शुरुआती शतक एक बार फिर टीम इंडिया के लिए शुभ साबित हो।