नई दिल्ली : दादरी हिंसा और साहित्यकारों पर हुए हमलों के विरोध में पुरस्कार लौटाए जाने के बाद इस पर सिसायत भी तेज हुई है। इसी कड़ी में शुक्रवार को दिल्ली स्थित साहित्य अकादमी के बाहर साहित्यकारों में मौन प्रदर्शन किया।
साहित्यकारों के दो गुट दिखे। एक गुट अवॉर्ड लौटाए जाने के समर्थन में है तो दूसरा इस बात के विरोध में प्रदर्शन कर रहा है। एक सम्मान लौटाने के पक्ष में बांधी काली पट्टी तो दूसरे गुट ने सम्मान लौटानेवालों को बीमार कहा।
दक्षिणपंथी साहित्यकारों ने इस दौरान नारेबाजी शुरू कर दी जिसके बाद साहित्य अकादमी के गेट बंद कर दिए गए। वहीं, दूसरी ओर वामपंथी और अन्य साहित्यकार काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन कर रहे हैं। ये लोग एमएम कलबुर्गी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
वहीं, साहित्यकारों की ओर से पुरस्कार लौटाए जाने और इस संबंध में आपसी मतभेद होने के चलते साहित्य अकादमी ने शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई। बैठक करीब एक घंटे तक चली। हालांकि अब तक यह पता नहीं चल सका है कि बैठक में किन-किन मुद्दों पर चर्चा हुई है और अकादमी ने आगे की क्या रणनीति बनाई है।