पांचवे योग दिवस पर देश हुआ योगमय – ‘कई रोगों की एक दवा है योग’

कल देश पांचवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पूरी तरह से योगमय हो गया। शहर से लेकर गाँव में आसन-प्राणायाम करते लोग दिखाई दिए। हर जगह ‘करो योग रहो निरोग’ की गूंज के साथ भारत माता की जय के जयकारे लगे। योगासन शरीर और मन के लिए फायदेमंद है ये बात सभी जानते हैं। इसीलिए भारत सरकार ने हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बनाने की बात की। दुनिया के तमाम रिसर्च और अध्ययनों में ये स्पष्ट हो चुका है कि लगातार योगासन करने से शरीर स्वस्थ रहता है और जीवनशैली से जुड़ी ‘बीमारियां जैसे- हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट अटैक आदि के खतरे को कम किया जा सकता है।

‘कई रोगों की एक दवा है योग’ जो लोग नियमित योग करते हैं उन्हें कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है। तनाव भरी जीवन शैली में अगर आप कुछ समय निकालकर योग करते हैं, तो शरीर में दिन भर उर्जा बरकरार रहती है। आपका स्टैमिना बढ़ता है, शरीर लचीला और मजबूत बनता है । स्फूर्ति बनी रहती है, और आप स्वस्थ रहते हो ।

भारतवर्ष के आग्रह पर U N O जैसी संस्था ने 21 जून 2015 को इसे स्वीकार किया और 21 जून को’ विश्व योग दिवस ‘मनाने की घोषणा की । सयुंक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्था द्वारा भारतवर्ष को विश्व कल्याण हेतु योग गुरु के रूप में स्वीकार करना बहूत बड़ी बात है । “योग करें निरोग रहें”। योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। योग आपके शरीर को फिट रखने का सबसे अच्छा तरीका है। योग के सबसे प्रमुख लाभों में वजन को नियंत्रित करना, मांसपेशियों को मजबूत करना, दिल की बीमारी को दूर करना,मन को शांति देना ऊर्जा आदि शामिल हैं।