नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) से अलग हुए योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण गुट ने ‘स्वराज इंडिया’ नाम की नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की। योगेंद्र यादव ने यहां इसकी घोषणा करते हुए आप पर जमकर हमला बोला और अगले वर्ष होने वाले दिल्ली नगर निगमों के चुनाव में भी हिस्सा लेने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि देश को एक मजबूत राजनीतिक विकल्प की जरूरत है। आप पर जोरदार हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जो पार्टी बीमारी को ठीक करने के लिए राजनीति में आई थी आज वह पार्टी स्वयं सबसे बड़ी बीमारी की शिकार है। आप ने देश के करोड़ों लोगों के विश्वास के साथ धोखा किया है।
योगेंद्र यादव के साथ प्रशांत भूषण, अजित झा और प्रो. आनंद कुमार भी मौजूद थे। आप से निष्कासित होने के बाद स्वराज अभियान के जरिए विभिन्न मुद्दों पर जनांदोलन खड़ा करने के बाद सर्वसम्मति से राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला लिया गया था। इस पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत भूषण हैं जबकि योगेंद्र यादव को इस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। राष्ट्रीय महासचिव अजित झा और मार्ग दर्शक एवं सलाहकार प्रो. आनंद कुमार को बनाया गया है। प्रशांत भूषण ने स्वराज इंडिया में कोई कार्यकारी का पद नहीं लिया है, लेकिन वह इसके संस्थापक सदस्य रहेंगे।
सोमवार को निर्वाचन आयोग में आवेदन दाखिल कर दिया जाएगा। अब यह तय हो गया कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में आप और स्वराज इंडिया का पहली बार मुकाबला होगा।
रविवार को पार्टी के स्थापना अधिवेशन में लगभग सभी राज्यों के 400 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेते हुए एक स्वर से पार्टी लांच की घोषणा की। सदस्यों ने कहा कि हम सभी लोग स्वराज इंडिया के विजन और मिशन के लिए संघर्ष करने का संकल्प लेते हैं।
गौरतलब है कि आप से निष्कासित होने के बाद ही यह तय हो गया था कि योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण अपने दम पर राजनीतिक दल खड़ा कर अरविंद केजरीवाल को देर-सबेर सबक सिखाएंगे।
पार्टी के प्रथम संस्थापक सदस्य के रूप में पहला हस्ताक्षर पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री शांति भूषण ने किए। अधिवेशन में शांति भूषण ने कहा कि नई राजनीतिक पार्टी विभाजनकारी और भ्रष्ट राजनीतिक पार्टियों का सामना करेगी और देश में सच्चा स्वराज लाएगी।
प्रशांत भूषण ने कहा कि अभियान गैर राजनीतिक कैंपेन जारी रखेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सरकार और सरकारी संस्थाएं जनता की मर्जी से काम करें और जनहित में निर्णय लिए जाएं। उन्होंने कहा कि स्वराज इंडिया और स्वराज अभियान दोनों की कार्यकारिणी अलग होगी।
वहीँ स्वराज इंडिया के मनोनीत राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने बस इतना ही कहा कि चुनौती बड़ी है। संघर्ष करना होगा। लोग ठगे गए हैं, उनको विश्वास में लेना होगा।