उत्तर प्रदेश में आबादी कंट्रोल करने के लिए कानून बनाने की तैयारियों के बीच अब बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी ऐसी ही मांग उठने लगी है। उत्तर प्रदेश के विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसके मुताबिक दो से ज्यादा बच्चे वाले लोगों को सरकारी नौकरी और अन्य कल्य़ाणकारी योजनाओं के लाभ नहीं दिए जाएंगे। अब इस फॉर्मूले को दूसरे राज्यों में भी पसंद किया जा रहा है और ऐसा ही कानून बनाने की मांग हो रही है। यहां तक कि बिहार में तो बीजेपी और नीतीश कुमार की जेडीयू के बीच इस मसले पर मतभेद भी उभर आए हैं।
बिहार के बीजेपी एमएलसी सम्राट चौधरी ने भी यूपी की तर्ज पर जनसंख्या कानून पर आगे बढ़ने की मांग की है। सम्राट चौधरी ने कहा, ‘आबादी को नियंत्रित करने के लिए एक कानून बनाया जाना चाहिए। नीतीश कुमार ने पहले ही 2006-07 में एक कानून लागू किया था, जिसके तहत दो से अधिक बच्चों वाले लोग चुनाव नहीं लड़ सकते थे। अब इस कानून को गांव में भी लागू करना चाहिए।’ चौधरी ने कहा कि यदि आबादी को नियंत्रित नहीं किया गया तो फिर लोगों को एजुकेशन नहीं मिल पाएगी। उनकी आर्थिक स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाएगा। हमारे देश की बहनें काफी पढ़ी-लिखी हैं और आगे बढ़ रही हैं। अब एक सख्त कानून की भी जरूरत है।
नीतीश ने कहा था, कानून नहीं जागरूकता से कम होगी जनसंख्या वृद्धि
वहीं इससे पहले सोमवार को नीतीश कुमार ने कहा था कि कानून बनाने भर से आबादी नहीं रुकेगी। इसके लिए लोगों को जागरूक करने और शिक्षित किए जाने की जरूरत है। नीतीश कुमार ने कहा था कि यह दूसरे राज्य में लागू हुआ है। ऐसे में इसे बिहार में भी लागू किया जाए, ऐसा जरूरी नहीं है।
मध्य प्रदेश में भी उठी कानून की मांग, विधायक का सीएम को खत
वहीं यूपी और बिहार के बाद अब मध्य प्रदेश में भी ऐसे कानून की मांग तेज हो गई है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने सूबे के सीएम शिवराज सिंह चौहान को खत लिखकर आबादी कंट्रोल करने के लिए कानून लाए जाने की मांग की है। आने वाले दिनों में कुछ और राज्यों में ऐसे कानून की मांग तेज हो सकती है। इससे पहले गोरक्षा और लव जिहाद पर कानून भी यूपी की तर्ज पर दूसरे कई राज्यों में बने हैं। हालांकि ये सभी राज्य भाजपा शासित रहे हैं।