नेताओं ने की बीच चौराहे पर युवक की पीट पीट कर हत्या

 

HATYA-ETAWAHइटावा। उत्तर प्रदेश में भरथना थाना क्षेत्र में बुधवार की शाम बहन के साथ छेडख़ानी का विरोध करने पर तीन युवकों ने एक युवक की हॉकी के डंडों से इतनी पिटाई की कि उसकी मौत हो गई। हत्यारों में शामिल है सपा के नेता व भरथना के सांसद प्रदीप यादव का भतीजा शामिल हैं। पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को यहां बताया कि भरथना उसराहार बस अड्डे के करीब 18 वर्षीय युवक पंकज यादव अपनी चचेरी बहन को लेकर मोटर साइकिल पर जा रहा था कि दूसरी मोटर साइकिल पर सवार तीन युवकों ने लड़की के साथ छेडख़ानी करना शुरू कर दिया। विरोध करने पर तीनों ने पंकज को हाकी डंडों से मारकर घायल कर दिया।

पंकज की मौत से उत्तेजित नागरिकों ने गुरुवार सुबह उसका शव सड़क पर रखकर इटावा-लखनऊ राजमार्ग को जाम लगा दिया था, मगर स्थानीय विधायक एवं लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव के वहां पहुंच कर पीडितो को अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही करने का आश्वासन दिया तब आक्रोशित लोगो ने जाम समाप्त किया।

उधर पुलिस ने चार युवको के खिलाफ ऍफ़ आई आर देर शाम दर्ज तो कर लियाए मगर अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं की है, जिन युवको के खिलाफ पुलिस ने ऍफ़ आई आर दर्ज किया है, वो है दिनेश उर्फ़ छोटे यादव, सरोज यादव, सीटू यादव, और मनुव्रत उर्फ़ लालू यादव।

सूत्रों की माने तो इन चारो आरोपी युवको में मनुव्रत उर्फ़ लालू यादव समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और भरथना के पूर्व सांसद प्रदीप यादव का भतीजा है, आपको बताते चले की प्रदीप यादव कन्नौज से भी समाजवादी पार्टी से सांसद रह चुके है।

मौके वारदात पर मौजूद स्थानीय नागरिको की माने तो सांसद जी का भतीजा मनुव्रत ने लड़की का चलती गाडी में हाथ पकड़ने की कोशिस की थीए जिसके बाद लड़की के भाई ने गाडी रोककर मनुव्रत से उलझ गया था, जिसके बाद मनुव्रत ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर पंकज को लोहे की रॉड और डंडो से इतनी पिटाई की, कि पंकज गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसकी मौत इलाज के दौरान हो गयी।

मौके वारदात पर मौजूद लोगो की माने तो पुलिस को इस हत्या काण्ड में शामिल सांसद प्रदीप यादव के भतीजे और उसके दोस्तों के शामिल होने की बात कही गयी थी, मगर पुलिस ने मामला अज्ञात लोगो के खिलाफ दर्ज किया था, मगर जब लोगो ने इसका विरोध किया तब पुलिस ने उन चारो युवको के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कर लिया।

मगर चौबीस घंटा बिट जाने के बाद भी पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी नहीं की है, और ना ही उन चारो को पकड़ने के लिए कही दबिस डाली है, जबकि ये सबको पता है की चारो सुत्यानी गाँव के जिसकी वजह से पुलिस इनके गाँव सुत्या वाले है, और हो ना हो चारो उसी गाँव में है। अब मामला सत्ताधारी पार्टी से जुड़े होने का है, एसे में पीड़ित परिवार को कब तक इन्साफ मिलेगा ये तो पुलिस प्रशासन ही बता सकती है।